google.com, pub-2645916089428188, DIRECT, f08c47fec0942fa0 Aapkedwar Delhi News

गुरुवार, 3 जुलाई 2025

हरियाणा ने मनाया जीएसटी दिवस

 छोटा राज्य होने के बावजूदप्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रहण 47,082.89 रुपये के साथ हरियाणा बड़े राज्यों में प्रथम

2024-25 में 1,19,362 करोड़ रुपये की जीएसटी कलेक्शन

चंडीगढ़, 3 जुलाई । हरियाणा के आबकारी एवं कराधान विभाग द्वारा जीएसटी दिवस मनाया गया है। 1 जुलाई 2017 से लागू हुए वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के 8 वर्ष पूर्ण होने पर राज्य मुख्यालय सहित सभी जिलों में कार्यक्रमों का आयोजन किया गयाजिनमें उद्योग संस्थानों के प्रतिनिधिटैक्स बार एसोसिएशन एवं चार्टर्ड अकाउंटेंट एसोसिएशन ने भाग लिया।

वित्त वर्ष 2024-25 में हरियाणा ने कुल 1,19,362 करोड़ रुपये की जीएसटी संग्रहण प्राप्त की हैजोकि वित्त वर्ष 2017-18 से औसतन 18.7% वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है। कुल संग्रहण के आधार पर हरियाणा देश के सभी राज्यों में 5वें स्थान पर है।

राज्य में वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 23,253.92 करोड़ रुपये एसजीएसटी राजस्व एकत्र किया गयाजोकि पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के 20,334.23 करोड़ रूप्येमकी तुलना में 14.35% की वृद्धि दर्शाता है।

वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में एसजीएसटी (आईजीएसटी सेटलमेंट सहित) 11,457.4 करोड़ रुपये एकत्र किया गयाजबकि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की इसी अवधि में यह 9,787.02 करोड़ रुपये थाजिससे 17.01% की वृद्धि दर्ज की गई।

एक छोटा राज्य होने के बावजूदप्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रहण 47,082.89 रुपये के साथ हरियाणा बड़े राज्यों में प्रथम तथा समग्र रूप से चौथे स्थान पर है।

जुलाई 2025 तक हरियाणा में कुल 5,79,133 करदाता जीएसटी के अंतर्गत पंजीकृत हैंजिनमें से 3,30,742 करदाता राज्य के अधीन हैं।

आबकारी एवं कराधान विभाग के आयुक्त एवं सचिव श्रीमती आशिमा बराड़ ने जीएसटी दिवस के अवसर पर विभाग द्वारा राज्य के राजस्व में सर्वाधिक योगदान देने और राज्य के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए विभाग के प्रयासों की सराहना की।

हरियाणा आबकारी एवं कराधान आयुक्त श्रीमती आशिमा बराड़ ने विभाग द्वारा किए गए उच्च जीएसटी संग्रह की प्रशंसा की और अधिकारियों को जीएसटी राजस्व में और वृद्धि हेतु निरंतर प्रयास करने के निर्देश दिए।


सोमवार, 30 जून 2025

हिंदी,चीनी भाई -भाई तो हिंदी, मराठी भाई- भाई क्यों नहीं

हिंदी चीनी भाई भाई" हो गये थे लेकिन आज 65साल बाद भी न  मराठी और न तमिल, हिदी भाई -भाई हो पाए. महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हिंदी का विरोध आज भी न सिर्फ जारी है बल्कि इस पर बाकायदा, बेमुलाहिजा सियासत भी हो रही है.हिंदी, चीनी भाई-भाई का  नारा 1950 के दशक में भारत और चीन के बीच मजबूत दोस्ती और सहयोग के संबंधों को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। इस नारे का मतलब था कि दोनों देश, भारत और चीन, एक दूसरे के साथ भाईचारे और सद्भावना के साथ रहेंगे। हालांकि, 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद, यह नारा अपनी प्रासंगिकता खो बैठा। 

महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने के फैसले ने राज्य की राजनीति को तेज कर दिया है। बाला साहेब ठाकरे के सामने ही अलग हो गए राज और उद्दव ठाकरे इस मुद्दे पर एक साथ होकर महाराष्ट्र की भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं। दोनों ही नेताओं से अपनी-अपनी पार्टियों का नेतृत्व करते हुए फड़णवीस सरकार के खिलाफ विरोध मार्च निकाला है। इस प्रदर्शन पर महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने विपक्ष पर निशाना साधा है।

नितेश राणे ने महाराष्ट्र् में मराठी भाषा की अनिवार्यता और उसकी जगह पर किसी के न आने को लेकर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, "हमने इतनी जोर से कहा है.. इतनी बार चिल्ला है के महाराष्ट्र में हिंदी अनिवार्य नहीं है.. अब क्या हम इस बात को अपनी छाती पर लिखकर घूमना चालू कर दें? 

ठाकरे बंधुओं पर निशाना साधते हुए राणे ने कहा कि यह लोग केवल और केवल भाषा के नाम पर हिंदुओं को विभाजित करना चाहते हैं। मंत्री नीतेश राणे ने ठाकरे परिवार पर निशाना साधते हुए कहा, "जावेद अख्तर, आमिर खान और राहुल गांधी हिंदी में बात करते हैं उनके हिंदी थोपने से किसी को कोई परेशानी नहीं है? उन्हें मराठी बोलने के लिए कहिए। उन्हें (ठाकरे बंधुओं) को कहिए कि वे मोहम्मद अली रोड या बेहरामपाड़ा से अपना विरोध प्रदर्शन करने की कोशिश करें। अगर उन्हें वाकई मराठी से प्यार है, तो कल से अजान मराठी में पढ़वाएं.. तब हम मानेंगे कि उन्हें मराठी भाषा का सम्मान है।"

 दूसरी तरफ महाराष्ट्र सरकार द्वारा हिंदी को अनिवार्य करने के फैसले को लेकर यूटर्न लेने उद्धव ठाकरे ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार मराठी मानुष की शक्ति के आगे हार गई है।महाराष्ट्र सरकार के हिंदी अनिवार्य करने के फैसले को वापस लेने के बाद शिवसेना यूबीटी के नेता उद्धव ठाकरे ने फडणवीस सरकार पर तंज कसा है। उन्होंने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार राज्य के स्कूलों में पहली से पांचवी तक की कक्षाओं में तीन भाषा नीति के तहत हिंदी अनिवार्य करने के फैसले को वापस ले लिया है। मतलब सरकार ने मराठी मानुष के सामने हार मान ली है। दूसरी तरफ उद्धव ठाकरे के साथ में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होने वाले उनके चचेरे भाई और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस सफलता का श्रेय मराठी मानुष को ही दिया।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नीतेश राणे ने ठाकरे बंधुओं के राज्य में हिंदी अनिवार्य करने के विरोध में आने को लेकर तंज कसा है। मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी, जावेद अख्तर और आमिर खाने के हिंदी थोपने से किसी को दिक्कत क्यों नहीं है?

 

तमिलनाडु में भी हिंदी का सनातन विरोध है. तमिलनाडु के हिंदी विरोधी तर्क दे रहे हैं कि कर्नाटक में हिंदी अनिवार्य किए जाने से वहाँ हाईस्कूल परीक्षा में 90हजार बच्चे फेल हो गये.तमिलनाडु में हिंदी का विरोध 1937  से अनवरत चल रहा है.

हाल के वर्षों में, विशेष रूप से 2025 में, तमिलनाडु में हिंदी विरोध फिर से उभरा है, मुख्य रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के त्रिभाषा फॉर्मूले के कारण, जिसे डीएमके सरकार हिंदी थोपने की कोशिश मानती है।डीएमके नेता और मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि नयी शिक्षा नीति के जरिए हिंदी और संस्कृत को थोपा जा रहा है, जो तमिल भाषा और संस्कृति के लिए खतरा है।

आपको याद होगा कि फरवरी 2025 में, चेन्नई में रेलवे स्टेशनों और डाकघरों के साइनबोर्ड पर हिंदी शब्दों पर कालिख पोतने की घटनाएं हुईं।अयप्पक्कम हाउसिंग बोर्ड क्षेत्र में लोगों ने रंगोली बनाकर "तमिल का स्वागत, हिंदी थोपना बंद करो" का संदेश दिया। डीएमके और अन्य द्रविड़ दल हिंदी विरोध को तमिल पहचान और स्वायत्तता से जोड़ते हैं।स्टालिन और उनके बेटे उदयनिधि स्टालिन ने चेतावनी दी है कि हिंदी का बढ़ता प्रभाव तमिल भाषा को नष्ट कर सकता है, जैसा कि उत्तर भारत में अवधी और भोजपुरी जैसी भाषाओं के साथ हुआ।तमिलनाडु की राजनीति में हिंदी विरोध को द्रविड़ आंदोलन की विरासत के रूप में देखा जाता है, जिसने डीएमके और एआईएडीएमके को सत्ता में लाने में मदद की। 

 तमिलनाडु के लोग तमिल भाषा को अपनी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत का अभिन्न हिस्सा मानते हैं। हिंदी को अनिवार्य बनाने को तमिल संस्कृति पर हमले के रूप में देखा जाता है। तमिलनाडु में तमिल और अंग्रेजी को व्यापार और शिक्षा के लिए पर्याप्त माना जाता है। हिंदी सीखने को आर्थिक या करियर के लिए आवश्यक नहीं समझा जाता। हिंदी विरोध के साथ-साथ, परिसीमन को लेकर भी चिंता है, क्योंकि इससे दक्षिण भारत के राज्यों की लोकसभा सीटें कम हो सकती हैं, जिससे उनकी राजनीतिक आवाज कमजोर हो सकती है।

मजे की बात ये है कि विरोध के बावजूद, तमिलनाडु में हिंदी सीखने की रुचि बढ़ रही है। दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के अनुसार, 2022 में 2.86 लाख लोग हिंदी की परीक्षा में शामिल हुए, जिनमें 80 फीसदी स्कूली छात्र थे।तमिल फिल्मों को हिंदी में डब करने की अनुमति और हिंदी सीखने की बढ़ती मांग से पता चलता है कि आम लोगों में हिंदी के प्रति विरोध उतना तीव्र नहीं है, जितना राजनीतिक स्तर पर दिखाया जाता है।

@  राकेश अचल

शनिवार, 28 जून 2025

ग्वालियर 'जू' में आया भालू परिवार

 ग्वालियर डेस्क 

ग्वालियर  28 जून । ग्वालियर चिडियाघर में पेण्डारी प्राणी उद्यान, बिलासपुर से एक मादा भालू एवं एक नर, दो मादा चौसिंगा नए मेहमान आये हैं।

  चिड़ियाघर प्रभारी डॉ. उपेन्द्र यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा वन्यप्राणी विनिमय प्रस्ताव अन्तर्गत नगर निगम आयुक्त श्री संघ प्रिय के निर्देशानुसार गांधी प्राणी उद्यान, 


चिड़ियाघर प्रभारी डॉ. उपेन्द्र सिंह यादव, क्यूरेटर श्री गौरव परिहार, जू-कीपर श्री योगेन्द्र सिंह दण्डौतिया, श्री शिवकुमार पाल, श्री अमित देवस्थली एवं सहायक 06 कर्मचारी सहित कानन पेण्डारी प्राणी उद्यान, बिलासपुर से वन्यप्राणी जिसमें एक मादा भालू एवं एक नर, दो मादा चौसिंगा लेने हेतु रवाना हुये थे, जो कि आज शनिवार दिनांक 28.06.2025 को गांधी प्राणी उद्यान, चिड़ियाघर ग्वालियर में आ चुके हैं, वर्तमान में उक्त वन्यप्राणी स्वस्थ्य हैं एवं उनकी पृथक कॉल में रखकर निरंतर देखरेख की जा रही है।

बेटे से बतरस

 सचमुच खतरे में है संविधान बेटा

लोग मिटा देंगे नामो-निशान बेटा

😡

कडवे बोल, बोलते हैं बेशर्मी से 

सत्ता में बैठे मंत्री, प्रधान बेटा 

😡

सोशलिज्म को ये नासूर बताते हैं

भरते हैं जनता के रोज कान बेटा 

😡

नहीं सुहाता इन्हे धर्मनिरपेक्ष कोई 

इन्हे चाहिए बस हिंदू महान बेटा

😡

कसमें खाकर संविधान की घुस आए 

सत्ता में लगता है तालिबान बेटा

😡

ये तो खुर्द -बुर्द करने आए हैं सब

रखना होगी मिलकर आन-बान बेटा

😡

इन्हे सनातन रहने की है बीमारी 

नहीं सुहाती गुरुवानी, कुरान बेटा 

😡

सुनकर बोल वचन संघी गणनायक के

शर्मसार है धरती-आसमान बैटा 

😡

@ राकेश अचल

Featured Post

हरियाणा ने मनाया जीएसटी दिवस

  छोटा राज्य होने के बावजूद ,  प्रति व्यक्ति जीएसटी संग्रहण  47,082.89  रुपये के साथ हरियाणा बड़े राज्यों में प्रथम 2024-25  में  1,19,362  ...