तीन साल में एक बार आने वाला भगवान श्री विष्णु का प्रिय अधिकमास, मलमास या पुरुषोत्त मास इस बार 18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक रहेगा। पंचांग के मुताबिक मलमास या अधिक मास का आधार सूर्य और चंद्रमा की चाल से होता हैं सूर्य साल में 365 दिन और करीब 6 घंटे का होता हैंवही चंद्रमा साल में 354 दिनों माना गया हैं इन दोनों वर्षों के दिन 11 दिनों का अंतर होता हैं यही अंतर तीन साल में एक महीने के बराबर हो जाता हैं इसी अंतर को दूर करने के लिए हर तीन साल में एक चंद्र मास पड़ता हैं व इसी को मलमास भी कहा जाता हैं अधिकमास के अधिपति स्वामी भगवान श्री हरि विष्णु माने जाते हैं परुषोत्तम भगवान का ही एक नाम हैं इसलिए अधिकमास को पुरूषोतत्तम मास के नाम से जानते हैं हिंदू धर्म शास्त्रों में इस महीने में जगत के पालनहार श्री विष्णु की पूजा का कई गुना फल प्राप्त होता हैं।
आपको बता दें कि पुरुषोत्तम मास के पहले दिन सुबह जल्दी उठकर नित्य नियम से निवृत हो श्वेत या पीले वस्त्र धारण करें और पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके किसी भी ताम्र पात्र में पुष्प बिछाकर शालिग्राम स्थापित करें। फिर जल में गंगाजल मिलकर भगवान विष्णु का ध्यार करते हुए स्नान कराएं।इसके बाद शालिग्राम विग्रह पर चंदन लगाकर तुलसी पत्र सुगन्धित पुष्प, नैवेद्य, फल अर्पित करें। शक्ति ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप करने के उपरान्त कपूर से आरती करें अभिषेक के जल को स्वयं और परिवार के सदस्यों को ग्रहण कराएं। इसी के साथ श्रीमद्भागवत कथा गीता का पाठ, श्री विष्णु सहस्ननाम का पाठ पुरुषोत्तम मास में करने से विशेष फल की प्राप्ति होती हैं।
अधिक मास :18 सितंबर से 16 अक्टूबर तक
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1एप्रिल 2025, मंगळवारचा पंचांग
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