ग्वालियर 20 दिसम्बर / रबी फसलों में अधिक और गुणवत्तापूर्ण उपज प्राप्त करने के लिये किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग ने किसान भाईयों को उपयोगी सलाह दी है।
उप संचालक किसान कल्याण एवं कृषि विकास श्री आर एस शाक्यवार ने कृषकों को सलाह दी है कि किसान भाई चना एवं सरसों की फसल में पहली सिंचाई के बाद 19 : 19 : 19 नत्रजन पुटाश उर्वरक की स्फुर एक से डेढ़ किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से 150 से 200 लिटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। इसी तरह चना (वानस्पतिक) की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिये किसान भाई चने की फसल में इल्ली का निरीक्षण करते रहें। साथ ही खेत में 20 फुट की दूरी पर T टाईप खूंटी लगा दें। साथ ही प्रकाश या फेरोमेन प्रपंच का प्रयोग करें। चने की फसल तीन से चार सप्ताह की होने पर खुटाई का कार्य भी अवश्य करें।
गेहूँ की अच्छी उपज प्राप्त करने के लिये किसानों को सलाह दी गई है कि गेहूँ की फसल में पहली सिंचाई बोवाई के 20 से 25 दिन बाद और दूसरी सिंचाई बुवाई के 40 से 45 दिन के बीच अवश्य करें। साथ ही नत्रजन का छिड़काव भी करें। गेहूँ की फसल को दीमक और जड़ माहूं के प्रकोप से बचाने के लिये क्लोरपारीफॉस 20 ईसी @ 1.25 -1.5 लिटर दवा को 60 से 80 किलोग्राम बालू या रेत के साथ मिलाकर सिंचाई से ठीक पहले भुरकाव करें।
किसानों को यह भी सलाह दी गई है कि आने वाले तीन दिनों के दौरान रात्रि का न्यूनतम तापमान 10 से 11 डिग्री के आसपास रह सकता है। इसलिए किसान भाई नए पौधों (वानस्पतिक) को ठंड से बचाने के लिये पौधों के आसपास पतवार लगाएँ, जिससे नमी बनी रहे और पौधा सुरक्षित रहे।
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