कैसे पुल हो बार- बार गिर जाते हो
होकर बिल्कुल निर्विकार,गिर जाते है
🪷
तुम्हे देखकर गिरते लगता है ऐसे
तुम पर है कोई सवार, गिर जाते हो
🪷
बाट जोहते नहीं कभी तुम सावन की
बिना किए ही इंतजार, गिर जाते हो
🪷
तुम्हें बनाने वाले लोग 'गिरे' होंगे!
कैस करते हो करार, गिर जाते हो?
🪷
लगता है तुम घास - फूस से बनते हो
चलते ही ठंडी बयार, गिर जाते हो
🪷
मुगल और अंग्रेज बनाते थे पक्के
भारतीय हो किंतु यार, गिर जाते हो
🪷
यंत्री का तो सिर्फ निलंबन होता है
मंत्री को कर शर्मसार, गिर जाते हो
🪷
तुम भी गठबंधन सरकारों जैसे हो
कौन करेगा ऐतबार, गिर जाते हो?
🪷
@ राकेश अचल
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें